(स्वयं लिखित)
रामू कि आग की समीक्षा जारी रखते हुए ...
मैं चाहता था कि पूरी समीक्षा मैं एक आलेख में सम्पन्न कर लूँ, मगर blogger इतना बड़ा हिंदी आलेख संभाल नहीं पा रह था। Transliterator script infinite loop मे जा रही थी!
हाँ, तो आग और शोले मे एक फर्क ये है कि आग मे गब्बर सिंह नहीं है। और वैसा कोई किरदार भी नहीं है। अमिताभ बच्चन साहब ने बब्बन का रोल किया है। बहुत ही प्यारा सा और क्यूट सा नाम है इस किरदार का। मगर बेचारा पागल है। पूरी फिल्म मे ठंड से ठिठुरता भी रहा है।
मगर पागल भले ही सही, गुरुत्वाकर्षण कि शक्ति से भली भाँती वाकिफ है और उस पर एक लेक्चर भी दिया है! बच्चो के लिए भोतिकी का अच्छा पाठ है।
अभिषेक बच्चन २ मिन के लिए आये, पता नहीं क्यों श्रोतागानो को आंख मारी, और फिर चलते बने। उर्मिला एक बेकार गाने में पेर खोल कर नाचती रही। अब कोई उसे समझाए कि इसको नाचना नहीं कहते। वैसे अभिषेक उर्मिला को अमिताभ के लिए लाया था। क्या सुपुत्र है!
रामू को पानी कि टंकी नहीं मिली तो एक कुए से काम चला लिया। इसे कहते हैं इन्नोवेशन! जब heeeeeruu दारू पीकर मरने का नाटक कर रह था, तो सबसे आगे अंधे बाबा खडे थे, यह देखने के लिए कि 'ये सब क्या हो रह है'।
निर्देशन को देखकर ऐसा लग रह था कि रामू जी बहुत जल्दी में हैं और किसी तरह इस फिल्म को खतम करना चाहते हैं। सही है। "जानी! एक बार में ६-७ फिल्म बनाना कोई बच्चों कि नहीं है। SMS आ जाये, तो इज़्ज़त निकल जाती है!"
आगे कि फिल्म मुझे याद नहीं आ रही है। वैसे याद करने को ज़्यादा नहीं है भी है। वही गोली बरी, उछलता-कूदता केमरा, वगेरह वगेरह। अब तक दिमाग भी जलना चालू हो गया था। समझ मे आया कि ये तो एक अग्निपरीक्षा है, और किसी तरह मैं इसमे काफी सफल रहा हूँ (अभी भी देख रहा हूँ) !
तभी मेरे एक रूममेट ने कहा कि उसे नींद आ रही है। नींद आना, उबासी और अफवाहें, ये सब बहुत जल्दी फेलती हैं। शायद इसी कारण से हम सबको उसी वक़्त बिस्तर कि याद सताने लगी। कानो मे बिस्तर से आवाज़ भी आयी - 'आओ, मीठी नींद मे सो जाओ!' बिस्तर को मना करने का दुस्साहस हमसे नहीं हुआ, मगर हमने एक दुसरे से ये वादा किया कि निकटतम भविष्य मे हम बाक़ी कि फिल्म ज़रूर देखेंगे!
मगर, हम निकटतम कि परिभाषा भूल गए! या तो भूल गए, या दिमाग का वो हिस्सा जल गया - रामू कि आग मे!
Tuesday, September 18, 2007
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3 comments:
kya basanti Ram Gopal ki aag mai
un kutto kai samne naachi?????
kya baat hein mere dost!!! vyanga-karita ke itihas mein ek naya panna likh raha hein!! Shayad mein akela banda rahoonga jo Ramu ko dhanyawaad doonga :)
hi rohit............
22 gud blog...........
mai bhi ab aapki fan ban gayi hu!!!!
keep it up.....
Nuts
http://nuts.wordpress.com
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